पीआर (जनसम्पर्क) का बढ़ता दायरा


जनसम्पर्क (Public Relations ) एक ऐसा शब्द है जिसे व्यवहारिक रूप में हम ना जाने कितनी बार उपयोग किये होंगे | लेकिन आज के दौर में यह एक व्यवसाय के रूप में तेज़ी से उभर रहा है |

किसी भी वास्तु,व्यक्ति या संस्था को लोंगों के बीच में  प्रसिद्धि के लिए लोग जनसम्पर्क एजेंसियों का सहारा ले रहे हैं | आज से 5-7 साल पहले लोग इसके विषय में इतना नहीं जानते थे पर अब लोग समझने लगे है | बड़े बड़े राजनेता पीआर प्रोफेशनल (PR Professional) का सहारा लेकर चुनावी बैतरनी पार होने के चक्कर में लगे हुए हैं | भाजपा हो या कांग्रेस या फिर क्षेत्रीय पार्टियाँ सभी पीआर एजेंसियों के सहयोग से अपना चुनाव प्रचार और अभियान की रुपरेखा बना रही हैं | मोदी जी ने पीआर पेशवरों के माध्यम से चुनावी बिगुल फूंका और तरह तरह के अभियान चलाये , नतीजा की आज वह प्रधानमंत्री हैं | राहुल गाँधी , देवरिया से दिल्ली तक यात्रा कर रहे हैं और साथ ही जगह जगह खाट पंचायत भी कर रहे हैं तो इसमें भी किसी पीआर एजेंसी (PR Agency) की  ही रणनीति है |

आज पीआर (Public Relations) का दायरा बढ़ता जा रहा है, लोग अपने ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने के लिए , अपनी छवि बनाने के लिए , साथ ही कोई विपत्ति (क्राइसिस) आ जाये तो उसे व्यवस्थित करने के लिए पीआर का सहारा ले रहे हैं | उभरते हुए क्षेत्र के रूप में पीआर , नए दौर में अपना अलग स्थान बनाता जा रहा है |  

मीडिया और रणनीति बनाने द्वारा आज यह संभव हो पाया है की विज्ञापन से ज्यादा भरोसा ,लोग पीआर पर करने लगे है | अब इसका दायरा बढ़ रहा है साथ ही पीआर प्रोफेशनल की मांग भी बढती जा रही है |

                              लेखक विन्ध्या सिंह PR Professionals 


Comments

Popular Posts