सर्जिकल स्ट्राइक और मीडिया हाइप

उरी हमले के बाद भारत में शोक की लहर दौड़ गयी | हमारे 19 जवान शहीद हुए , लोंगों के भावनाओं ने उग्र रूप ले लिया , ले भी क्यों न पाकिस्तान के आतंकवादियों ने ऐसा किया था की कोई देशवासी चुप नहीं रह सकता था | मीडिया ने भी अपनी जिम्मेदारी को निभाया | कुछ उद्यमियों ने शहीद हुए जवानों के परिवार को आर्थिक सहयता भी की जिसमें सर्वेश तिवारी का नाम प्रमुख है जिन्होनें उरी में शहीद नायक सुनील कुमार के परिवार को उनके घर जाकर 20 लाख रूपये की सहयता की और साथ ही उनके चारों बच्चों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी ली | पर हमारे देश की यह हर समय चिल्लाती हुई मीडिया ने इसे कम तवज्जो दी की लोग आगे आयें और शहीद परिवार के सदस्यों की सहायता करें |

इसके बाद चला बदला लेने का दबाव सोशल मीडिया (Social Media) से लेकर टीवी बहस और प्रिंट मीडिया तक , जो जरुरी भी था क्योंकी देश की जनता बहुत ही व्यथित थी और रोज़ रोज़ के इस आतंकी हमले का जबाव चाहती थी | इसी के फलस्वरूप सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम भारत सरकार को उठाना पड़ा | मीडिया ने इसे इतना हाइप बनाया की हर समय , सिर्फ इसी पर बात और बातों बातों में भारत के रक्षा उपकरणों की संख्या , विवरण तक देने से नहीं चुके | क्या यह भारत के सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं है ?? भारत के संप्रभुता के लिए खतरा नहीं है ?? जब मीडिया (Media)सर्जिकल स्ट्राइक पर बात कर रही थी तो इसकी जरुरत कहाँ आ पड़ी की भारत के पास इतनी मिसाइल , पनडुब्बी, जहाज तो अन्य उपकरण हैं | आम तौर पर इस तरह के अभियान में शामिल जवानों के बारे में किसी को बताया नहीं जाता लेकिन हमारी मीडिया ने बस नाम नहीं बताया बाकि उनकी ट्रेनिग, उनका सलेक्शन , उनका खाना सब कुछ बता डाला | सिर्फ टीआरपी के लिए मीडिया अपने देश की गोपनीयता को क्यों सरेआम करती है ?? इस विषय पर विचार होना चाहिए क्योंकी यह एक ऐसा माध्यम है जिससे हमारे दुश्मन हमारे क्षमता का अंदाजा लगा लेंगे | और बड़े बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि दुश्मनों को अपनी क्षमता कभी  नहीं बतानी चाहिए |

                                             लेखक विन्ध्या सिंह PR Professionals 

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