बैनर, पोस्टर और मोबाइल विज्ञापन
बढते बाज़ार और वैश्वीकरण
के दौर में विज्ञापन का उतना ही महत्व है जितना खाने में नमक और चीनी का | जिस तरह नमक और चीनी के बिना खाना
स्वादरहित लगता है उसी तरह बिना विज्ञापन के बाज़ार भी रंगहीन लगता है |
आज के दौर में विज्ञापन
हमारे जीवन के हर हिस्से में मौजूद है , जहाँ नज़र घुमाएंगे, विज्ञापन
ही नज़र आयेंगे | चाहे वह रोड, दुकान,
माकन, पेपर, टीवी,
रेडियो हो या आपका बेडरूम या फिर टॉयलेट |
बिना विज्ञापन अब बाज़ार
के बारे में सोचा ही नहीं जा सकता लेकिन विज्ञापन के क्षेत्र में भी बहुत तेज़ी से
बदलाव आ रहा है |
स्मार्टफोन्स की
आश्चर्यजनक रूप से बढ़ती लोकप्रियता के साथ एक और बाज़ार बहुत तेज़ी से फैल रहा है
| वह है
मोबाइल एडवर्टाइज़िंग का, यानी
मोबाइल पर विज्ञापनों की दुनिया | विज्ञापन के लिए बहुत
आसान माध्यम है मोबाइल | विज्ञापनदाताओं
और प्रचारकों के लिये मोबाइल इतना आसान और लोकप्रिय माध्यम क्यों बन गया है?
थोड़ा इन आंकडों पर भी गौर कीजिए – एक रिसर्च कंपनी कॉमस्कोर के
अनुसार भारत के 16 करोड़ इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों मे आधे से ज़्यादा लोग मोबाइल पर
इंटरनेट का प्रयोग करते हैं |
ऑनलाइन मार्केट पूरे शबाब पर है – पांच में से लगभग तीन भारतीय, जो
इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, किसी न किसी ऑनलाइन
शॉपिंग वेबसाइट पर जाते हैं |
इसका भी एक बड़ा कारण ये है की घर बैठे-बैठे या सफर करते हुए, मनचाही चीज़ें खरीद लेने
की सुविधा |
ज़ाहिर है कि आने वाले समय में बहुत सी कम्पनियां
मोबाइल को अपना नया माध्यम बनायेंगी और इसकी शुरूआत हो भी चुकी है
तो क्या आने वाले समय में
गायब हो जाएंगे सड़कों और चौराहों से बैनर,पोस्टर और इश्तेहार? क्या टीवी और अखबार पर
विज्ञापन देना बंद कर देंगी कंपनियां? यह तो आने वाला समय ही बताएगा .
लेखिका अमृता राज -‘पी. आर प्रोफेशनल्स’
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