माता-पिता के सम्मान से बढ़कर दुनिया में कुछ नही
यह मन जाता है कि जिसके पास माता-पिता है उसके
पास पूरा संसार है | लेकिन
आजकल कि भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने संसार का ही ध्यान रखना भूल जाते है |
बचपन में हर छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा करना, कभी-कभी
खुद भी बच्चा बन जाना, बच्चों कि जिद के आगे खुद को झुका
लेना और ये सब हमारे ही नही बल्कि विश्व के सभी माता पिता करते है | असल में हमारे अभिभावक का पूरा जीवन हमारी खुशियों में ही समाहित हो जाता
है |
आज 1 जून के दिन वर्ल्ड ग्लोबल पेरेंट्स डे
मनाया जाता है | हालाँकि
वास्तविकता यह है आज के दिन के बारे में बहुत कम लोग ही जानते है | इसकी वजह पैसे कमाने कि होड़ है जिसने सभी को दूर कर दिया और सबसे ज्यादा
माँ -बाप को | क्योंकि उन्हें कभी शिकायत नही रहती है |
लेकिन हमे यह नही भूलना चाहिए कि आज उनके संघर्ष और कठिन परिश्रम का
नतीजा है कि हम अपने आप को समाज में जीवंत महसूस करते है | लेकिन
जब बारी उनकी आती है तो हमे उनकी परवाह नही रहती है | क्या
उनका जीवन सही से चल रहा है | अब तो ये स्थिति है कि उन्हें
वृधाश्रम के सहारे बुढ़ापा गुजरना पड़ रहा है | माना कि जीवन
में जरूरतों को देखते हुए अब संघर्ष कहीं ज्यादा है लेकिन इसका तात्पर्य यह नही है
कि जिन्होंने हमे जीवन दिया हम उन्हें ही भूल जाये | और यह
कैसे भुला जा सकता है कि जिस पिता कि महानता पहाड़ से भी ज्यादा ऊँची मानी जाती हो
और एक माँ कि महानता को समंदर से भी गहरी मानी जाती हो, हम
उसी का सम्मान नही करते है |
उन्हें हमसे कुछ नही चाहिए ना उन्हें पैसा चाहिए
और ना ही ज्यादा ठांठ-बांठ | उन्हें बच्चों से केवल प्यार और सम्मान भर की चाह रहती है जिसकी
जिम्मेदारी हम बच्चों को उठानी चाहिए | उनसे बेइंतहा मोहब्बत
करना चाहिए | एक दिन जब ये हमारे साथ नही होंगे तो एहसास
होगा कि जैसे पूरा संसार सूना हो गया है | इन्हें दुःख
पहुँचाना दुनिया का सबसे बड़ा पाप है |
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