हर घर की कहानी, पानी है जिन्दगानी


सुबह सुबह पड़ोसी खबरीलाल (जो पेशे से एक पत्रकार है) के घर के सामने आ पहुंचा और पहला सवाल दागा- क्यों स्नान हो गया? खबरीलाल चुप, पड़ोसी ने फिर सवाल छोड़ा - आपसे ही पूछ रहे हैं, स्नान हो गया ? खबरीलाल ने जवाब देने के बजाए पड़ोसी की ओर वही सवाल उछाल दिया- आपने किया क्या ? पड़ोसी सन्न ! क्या ? अरे! स्नान और क्या ? पड़ोसी बोल पड़ा- मैंने आपसे सवाल पूछा था ? जवाब तो दिया नहीं, सवाल दाग दिए ! अच्छा चलिए मै  ही आपके सवाल का जवाब दे देता हूँ - नहीं किया, स्नान | खबरीलाल ने तपाक से अगला सवाल ठोंका, क्यों ? जवाब आया - पानी कहाँ हैं ? आज कल सुबह पानी नहीं आता | वो तो भला हो मकान मालिक का, जिसने कुआँ भी खुदवा रखा है, क्या हुआ जो मोटर नहीं लगवाया? पानी की टंकी तो लगवा रखा है | अब पानी आये और उसका प्रेशर इतना न हो की टंकी ही न  भर पाए, तो इसमें भला मकान मालिक का क्या दोष दें ? और नगर निगम को भी क्या दोष देना, वह दिन में एक बार पानी की सप्लाई तो कर ही देता है भले 12 बजे, दो, तीन या चार बजे करे |


अब भला कोई एक बजे तक पानी का इतजार कैसे करें ? ऐसा करने लगें तो, न खाना बनेगा, न नौकरी हो पायेगी |

पड़ोसी का दर्द सुन खबरीलाल से कुछ कहते नहीं बना, उसने पड़ोसी की ही बात को आगे बढ़ाते हुए माहौल को हल्का करने की कोशिश की और कहा कोई बात नहीं, आप ने कसम क्यों खा रखी है, सुबह सुबह नहाने की| ज़िद क्यों पकड़ रखी है, सुबह सुबह खाने और ऑफिस जाने की | कभी देर से भी ऑफिस जाइये, देर से उठिए! सप्लाई के पानी से रगड़ – रगड़ कर आराम से नहाइए | बचपन में ‘उठो सवेरे, रगड़ नहाओ’ की बातों को भूल जाइये | बड़े हो गए हैं, बड़ों की तरह व्यव्हार भी कीजिए| आपको तो सिर्फ अपने नहाने के लिए ही पानी निकालना होता है पर भाभी जी को तो खाना बनाने से लेकर बच्चो के नहाने तक का पानी खींचना होता है|

बच्चों के स्कूल से आने के बाद उनके नहाने के लिए निगम का पानी आ ही जाता होगा |

माहौल हल्का करने की खबरीलाल की कोशिशों पर पानी पड़ गया | पड़ोसी आग बबूला हो गया, मानो गैस की लिक पाईपलाइन को किसी ने माचिस की तीली जला कर दिखा दी हो | कहने लगा नगर निगम पहले ही पानी फैला रखा है | घरों में पानी आये न आये कई इलाकों में सड़क पर पानी ही पानी है | चारों ओर फव्वारे चल रहें हैं ,सिर्फ रंग – बिरंगें लाइटें लग जाएं तो शहर में पार्क की कमी भी पूरी हो जाएगी |अब तो हालत यह हो गई है कि जिनके घर  पाईपलाइन बिछी है उनके घर समय पर पानी नही आता,  जिन्होंने कभी महज कनेक्शन का आवेदन किया था उनके घर हजारों के बिल आ जाते है | पूछने पर कहते हैं कि कनेक्शन लिया है तो बिल भरो, चाहे पानी मिले न मिले |  


लेखक अनिल कुमार -‘पी आर प्रोफेशनल्स’

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