मोदी का प्यार, पीआर पे मेहरबान



राहुल संकृत्यायन ने कहा था की घूमने और सुनने से ज्ञान बढता है, चूँकि मैं खुद इनकी बातों से सहमत हूँ तो आज के परिदृश्य को देखते हुए एक यथार्थ बताता हूँ |

यह बात तक़रीबन डेढ़ साल पहले की हैं ,21 अगस्त 2014,मैं इंडिया हैबिटैट सेंटर,दिल्ली में एक कार्यक्रम में शिरकत करने गया था मेरे ठीक बगल में बैठे 2 पुरुष आपस में कुछ बाते कर रहे थे | वैसे तो किसी के बातो को इस प्रकार सुनना गलत है, लेकिन उनके बातों में पी आर शब्द सुनते ही मेरी  ‘पीआरभक्ति जाग गयी और फिर मैं बिना देर किये अपने कान उनके तरफ़ करके अपने रडार फीट कर लिए | सूटबूट में सज-धज के आये ब्रांडेड कंपनी से एक पुरुष ने दूसरे को ये बोला की कल से हम अपने कंपनी के सारे कर्मचारी और पीआर टीम के साथ मीटिंग करेंगे और ये बहुत अच्छा मौका है की हम अपनी कंपनी के इमेज को इसी बहाने ऊपर ले जाये | मोदी जी के आने से ये फायदा तो जरुर उठाया जाये | अब मुझे ये समझने में थोड़ी भी देर नहीं लगी की ऐसा क्या हो गया जिससे इनकी इमेज इतनी जल्दी ऊपर उठ जाएगी और इस चीज़ को लेकर इतने उत्सुक क्यू हैं ? यह वही दिन था जिस दिन मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया अभियानशुरू किया था | अब वेदोनों पुरुष इसी अभियान को अपने कंपनी से जोड़कर पीआर करवाने की बात कर रहे थे जिससे की उनकी ख़बर मीडिया में बनी  रहे |

मोदी सरकार ने अभी तक के कार्यकाल में कई योजनाओं को अमलीजामा पहनाया हैं लेकिन डिजिटल इंडिया ,स्वच्छ भारत अभियान ,मेक इन इंडिया,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और हाल ही में शुरू की गयी स्टार्ट-अप अभियान ने मीडिया में काफी सुर्खिया बटोरी हैं | अब ऐसे में भारत की कई कंपनी इस बहती गंगा में हाथ धोने से क्यू हिचकती | छोटे बड़े इवेंट करके और इन योजनाओं से जोड़ कर अखबारों और मीडिया चैनलों में अपनी सहभागिता दर्ज कराई | प्रत्येक कंपनी का अपना एक बजट होता हैं जिसमे उसको अपने प्रचार पे खर्च करने के लिए भी कुछ बजट निर्धारित होता हैं | एक चौकाने वाले आकड़े के अनुसार मोदी सरकार के इन योजनाओं से इनका लाखो का फायदा हुआ और पूरे देश को एक साथ देखा जाये तो करोड़ों का फायदा सीधे सीधे हुआ | ये आकड़े उनके विज्ञापन में आने वाले खर्च से तुलना करके निकाला गया हैं | अब इन सभी चीजों को तुलनात्मक रूप से देखा जाये तो ये सरकार पीआर एजेंसी के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं | स्टार्टअप ने तो पी आर उद्योग में एक नयी उर्जा फूंक दी हैं |हर किसी को अपने उत्पाद या सेवाओ के लिए पीआर की जरूरत पड़ने लगी हैं |


स्टार्टअप को सबसे ज्यादा निवेशक की जरुरत पड़ती हैं और उनतक इनकी बात पहुचाने में पीआर रामबाण का काम कर रहा हैं |वैसी कंपनिया , जिनकी खबर को मीडिया में लाना मुश्किल हो रहा था वो भी अपने को इनसब योजनओं से अपने को जोड़ कर सुर्खिया बटोर रही हैं | एक पीआर पेशेवर के नाते मैं यह दावे के साथ कह सकता हूँ की हमारे उद्द्योग को बढ़ावा देने में इस सरकार का सबसे अहम् योगदान हैं और आशा हैं की आने वाले दिनों में भी हमें ऐसी ऐसी योजनाओं से लाभ मिलेगा |

      लेखक गौरव गौतम प्रबंधक -‘पि. आर प्रोफेशनल्स’

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