जन-संपर्क मूल्य विश्लेषण










जन-संपर्क मूल्य विश्लेषण क्या है?

जन संपर्क (Public Relations) के कई तरीके हैं| इन तरीकों में प्रिंट और ऑनलाइन मीडिया में खबर प्रकाशित करवाना एक सर्वमान्य तरीका है| एक तय समय में जितनी खबरे,समाचर-पत्र और ऑनलाइन मीडिया में प्रकाशित  करवायी गयी, इसी के मूल्य का ब्यौरा जन संपर्क मूल्य विश्लेषण होता है|

जन-संपर्क मूल्य विश्लेषण करते कैसे है?

कंप्यूटर की मदद से सॉफ्ट कापी में एक टेबल बनायाजाता है, जिसमे आठ कॉलम होते है| निम्नलिखितहैं: 1.क्रमसंख्या 2. प्रकाशन3. संस्करण 4. दिनांक 5. न्यूज़का दर  6. न्यूज़ की लम्बाई (सेमी2) 7. न्यूज़ की चौड़ाई(सेमी2) 8.कुल योग | इसके बाद स्केल की सहायता से हर एक खबर की लम्बाई व चौड़ाई (सेमी2)की माप की जाती है| सभी प्रिंट व ऑनलाइन प्रकाशन की दर अलग-अलग होती है, उसी दर के अनुसारहर एक न्यूज़ का कूल योग निकाला जाताहैं|शुरुआत में प्रिंट केऔर फिर ऑनलाइन केख़बरों का मूल्य विश्लेषण किया जाताहै| सभी डाटा इंट्री हो जाने के बाद अंतिम कॉलम में कुल योग की गणनासे ज्ञात होता है कीकितनेमूल्यका कार्य किया गया| सबसे अंतिम पृष्ठ पर प्रिंट में छपी ख़बरों का कुल योग और ऑनलाइन में प्रकाशित ख़बरों का कुल योग दर्शाया जाता है|

जन-संपर्कमूल्य विश्लेषण क्यों महत्वपूर्ण है?

यह सबसे महत्वपूर्णचीजों में से एकहै| यहजन संपर्क संस्थाओं कासबसे बड़ा शस्त्र है|इससे वह क्लायंट के समक्ष कुल ब्यौरा प्रस्तूत करते हैं| क्लायंट को जन-संपर्क मूल्य विश्लेषण की सहायता से यह स्पष्ट हो जाता है किकिया गया कार्य समझौते के अनुसार पूर्ण है यानहीं| संस्था और क्लायंट के बीच विश्वसनियता कोबनायेरखने के लिए जन-संपर्क मूल्य विश्लेषण बहुत ही महत्वपूर्ण है|





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